Deep Breathing लेना सीखो
ओ३म् नमस्ते जी 🙏
Deep Breathing Exercise In Hindi Meaning
Deep Breathing फेफड़ों को बलशाली बनाने की वह क्रिया है जिसको करने के बाद में आप के फेफड़े अधिक लचीले बनते हैं आपके भीतर अधिक मात्रा में प्राण वायु प्रवेश करती है प्राणों की ताकत आप की बढ़ती है दिमाग का आपका मजबूत बनता है। आप वीर्यवान बनते है। लंबे गहरे सांस लेने छोड़ने के क्या क्या लाभ होते हैं वह मैं आपको आखिर में बता दूंगा। आज आप जानेंगे इस लेख के माध्यम से कि जो सांसो की लंबी गहरी सांस लेने की प्रक्रिया है उसे करने से क्या लाभ होता है उसको करने का तरीका क्या है सब कुछ आज आप इस लेख के माध्यम से जान पाएंगे।

Deep Breathing Kaise Kare In Hindi
किसी ऐसे शांत और एकांत स्थान में जहां का वायु शुद्ध और शीतल हो जिसमें धूल या धुआं आदि हानिकारक वस्तुएं ना मिली हुई हो , सिद्धासन या किसी आसन में जिसमें आप सुख पूर्वक बैठ सकते हो, इस प्रकार बैठ जाएं कि आपकी छाती ग्रीवा यानी कि गला और सिर तीनो एक सीध में रहे मेरुदंड यानी की रीड की हड्डी भी सिद्ध में रहनी चाहिए ।
धीरे-धीरे नासिका दोबारा श्वास को बाहर निकाले जब तक छाती आमाशय यानी कि पेट रिक्त ना हो जाए। श्वास को निरंतर निकालते रहें अर्थात सारा वायु निकाल देना चाहिए इस श्वांस के बाहर निकालने की क्रिया को रेचक कहते हैं। फिर इसी प्रकार धीरे-धीरे सांस को भीतर ले और जब तक छाती और आमाशय भली-भांति ना भर जाएं लेते ही रहे इस सांस के भरने की क्रिया को पूरक कहते हैं।
इस प्रकार आरंभ आरंभ में रेचक और पूरक का अनेक बार अभ्यास करें जब 2 या 3 मास के अभ्यास के पश्चात श्वांस का निकालना और भरना भली-भांति आजावे तभी बाहर व अंदर श्वांस के रोकने का अभ्यास करना चाहिए।
श्वांस के बाहर व अंदर रोकने के अभ्यास का नाम ही कुंभक है यदि किसी की इच्छा आरंभ में ही सांस के रोकने की हो तो थोड़ी देर रोकना चाहिए। रोकने का समय धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए बलपूर्वक रोकने से हानि होती है अभ्यास से बाहर और भीतर दोनों और सांस के रोकने की अवधि व कुंभक का समय स्वयं बढ़ जाता है।
रेचक व पूरक का अभ्यास सीधे खड़े होकर लेट कर चलते हुए अथवा पश्चिमोत्तानासन में भी किया जा सकता है। व्यायाम करने से पहले एक दो बार भस्त्रिका प्राणायाम करने से बड़ा लाभ होता है, भस्त्रिका तथा गहरे सांसो का किया गया यह अभ्यास फेफड़ों को स्वस्थ और लचीला बना देता है लचीले फेफड़ों में श्वांस व प्राण की मात्रा अधिक आती है।
जब हम एक बार में अधिक श्वांस अंदर भर लेंगे तो शीघ्र ही दूसरा सांस लेने की आवश्यकता ना होगी इसी को गहरा व उत्तम सांस कहते हैं।
प्राणायाम के साथ व्यायाम करने का तरीका मैं अपनी वीडियो में विस्तार से बता चुका हूं यदि आपने वह वीडियो नहीं देखी है तो नीचे वीडियो दे दी गई है वह आप देख सकते हैं यदि हम प्राणायाम पूर्वक व्यायाम करेंगे तो आप वीर्य वान बनेंगे बलवान बनेंगे ताकतवर बनेंगे आप की बुद्धि तीर्व बनेगी आप सुंदर बनेंगे और जीवन भर सुखी रहेंगे।
बाकी मैं अमित आर्य प्राणायाम पूर्वक व्यायाम की व्याख्या को भी अच्छे से लिख दूंगा अपनी इस वेबसाइट अमित आर्यवर्त डॉट कॉम पर अभी मुझे उम्मीद है कि आपको यह Deep Breathing प्राणायाम की विधि को समझ पाए होंगे आप वीडियो के माध्यम से इस विधि को सीख सकते हैं वह भी मैं नीचे दे रहा हूं।
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Gahri Saans Lene Ke Fayde । Deep Breathing Benefits । Deep Chest Breathing
Deep Breathing Gahri Saans Lene Ke Fayde ये है – |
1. फेफड़े मजबूत बनते है। |
2 . फेफड़ो का लचीलापन बढ़ता है। |
3 . रक्त शुद्ध होता है। |
4. श्वांस और फेफड़ों के रोग जैसे दमा टीबी आदी ठीक होते हैं। |
5 . दूसरी धातु रक्त शुद्ध बनने से आखरी धातु वीर्य भी शुद्ध बनता है। |
6 . आँखों की रौशनी बढ़ती है। |
7. आप मानसिक रूप से मजबूत बनते है। |
8 . ध्यान में अच्छी प्रगति होती है। |
Deep Breathing Meaning In Hindi
Deep Breathing Gahri Saans Lene का मतलब ये है की हम अपने मानसिक प्रयास के द्वारा प्राणवायु को अपने भीतर शरीर के हर कोने तक पोहचा रहे है। जिससे हमारे प्राण मजबूत होते है।
Saans Ko Rokne Ke Fayde
Saans Ko Rokne Ke Fayde फायदे ये हैं की आप के फेफड़ो से मल निकल जाता है वो आपकी शरीर की अग्नि में भस्म हो जाता है जिसके कारण आप बिलकुल स्वस्थ हो जाते हैं।
Yogic Deep Breathing
Yogic Deep Breathing भी लम्बे गहरे सांस लेने छोड़ने की क्रिया को ही कहते है कोई अंतर नहीं है। यदि कोई अंतर बनाना चाहे तो अपने से कुछ भी बना सकता है पर मूल तो वो ही रहेगा जो पहले बताया जा चूका है।
Sans Rokne Ke Nuksan
Sans Rokne Ke Nuksan सांसो को रोकने का नुकसान तभी हो सकता है जब आप जबरदस्ती सांसो को रोके यदि आपका सामर्थ्य 30 सेकेण्ड साँसों को रोकने का है तो आपको सिर्फ 25 सेकेण्ड ही सांस रोकनी चाहिए ये समय धीरे धीरे खुद ही बढ़ता चला जायेगा। पर जबरदस्ती सांसो को रोकने से सिर्फ नुकसान ही होता है।
Difference Between Pranayama And Deep Breathing In Hindi
Pranayama और Deep Breathing में क्या अंतर है देखिये जब आप सिर्फ धीरे धीरे सांसो को लेते है और फिर धीरे धीरे सांसो को छोडंते है तो इसे आप सांसो का व्यायाम बोल सकते है परन्तु जब आप धीरे धीरे श्वांस को भीतर भरते है और फिर कुछ देर अपने सांसो को भीतर ही रोक कर रखते है तो इसे प्राणायाम बोलेंगे।
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अमित आर्याव्रत जी आपके मंथनहब यूट्यूब चैनल पर विचार क्या है। यह चैनल ब्रह्मचर्य जीवन शैली अपनाने पर बल देता है और मुझे बहुत सहायता प्राप्त हुई है।
ब्रह्मचर्य व्रत न टुटे इस बारे में बहुत ही अच्छा काम किया है।
Very nice work amit ji…
Kindly provide more knowledge on …..old rishi padhati