आर्य भूः ! क्यों दुखी है। रामप्रसाद बिस्मिल कविता।{Man Ki Lehar Book}
आर्य भूः ! क्यों दुखी है १ आर्य भू तव शान्तिजा,’ रमणीयता वह है कहाँ, क्यों म्लान है तेरा बदन, यह दीनता है कैसी यहाँ? क्या अग्निवर्षाक धुन्धकर, ज्वालामुखी पर्वत फटा, जिससे विकृत है आज तेरी,चारुनैसर्गिक छुटा । अथवा यहाँ भूकम्प ने, सर्वनाश किया श्रहो, जिससे दबी तव दिनसंतति, दुःख का कारण कहो। क्या पड़ा … Read more आर्य भूः ! क्यों दुखी है। रामप्रसाद बिस्मिल कविता।{Man Ki Lehar Book}