ब्रह्मचर्य रक्षा के उपाय Brahmacharya Ke Niyam

1, ब्रह्मचर्य रक्षा के उपाय में भोजन में ऐसा कोई पदार्थ ना खाए जो कि उत्तेजना को बढ़ाता हो जैसे मिर्च मसाले गरम मसाले अचार खटाई अधिक मात्रा में मीठा अधिक मात्रा में गर्म तासीर की चीजें बिल्कुल भी नहीं खानी चाहिए।
2, गलत व्यक्तियों का साथ हमेशा के लिए त्याग देना चाहिए हमेशा अच्छे व्यक्तियों का साथ रखना चाहिए जो अच्छी बातें करते हो हमेशा अच्छी पुस्तकें पढ़नी चाहिए वीरों की कहानियां पढ़नी चाहिए ब्रह्मचारियों की योगियों की कहानियां पढ़नी चाहिए।
ब्रह्मचर्य रक्षा के उपाय pdf
3, भोजन को खूब चबा चबाकर खाना चाहिए जिससे वह जल्दी हजम हो जाए और कब्ज की समस्या ना होने पाए।
4, हमेशा खुली हवा में घूमने की आदत डालनी चाहिए लंबे गहरे सांस लेने छोड़ने की आदत डालनी चाहिए।
5, रात को जल्दी सो जाना चाहिए 10:00 बजे तक और सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए 3:30 बजे तक या फिर 4:00 बजे तक।
6, स्त्री पुरुष को कभी भी एकांतवास में नहीं रहना चाहिए।
7, लड़कियों को लड़कों से मित्रता और लड़कों को लड़कियों से मित्रता कभी भी नहीं करनी चाहिए।
8, अच्छी पुस्तकों को पढ़ना चाहिए जैसे रामायण महाभारत उपनिषद सत्यार्थ प्रकाश राम प्रसाद बिस्मिल जी की जीवनी आदि।
9, आलस्य से हमेशा बच के रहना चाहिए दोपहर को कभी भी नहीं सोना चाहिए दोपहर को यदि नींद आए तो तुरंत मुंह धो लेना चाहिए और कुछ ना कुछ कार्य में लगे रहना चाहिए जिससे कि मन भटके ना।
ब्रह्मचर्य की प्रचण्ड शक्ति
10, पेशाब करने के बाद और लैट्रिंग आदि करने के बाद अपनी मुत्रिंद्रिए की खाल को ऊपर करके ठंडे शीतल जल से धोना चाहिए। ओर ध्यान रहे उस समय अपने मन में कोई भी नकारात्मक विचार नहीं आने देना है। ईश्वर में ही ध्यान बनाए रखना है।
11, ब्रह्मचर्य रक्षा के उपाय के लिए हमेशा शीतल ताजे ठंडे जल से स्नान करना चाहिए गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए सिर्फ बीमार व्यक्ति को ही गर्म पानी से नहाना चाहिए।
12, ब्रह्मचारी के लक्षण रोज नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए खासतौर से प्रोफेसर राममूर्ति जी की विधि से व्यायाम करना चाहिए।
13, ब्रह्मचर्य के लिए योग रोज लंबे गहरे सांस लेने और छोड़ने की क्रिया करनी चाहिए जिससे फेफड़ों में शक्ति बड़े रक्त का संचार अच्छा हो प्राण वायु अधिक मात्रा में आए शरीर के भीतर।
14, रोज ईश्वर का ध्यान जरूर करना चाहिए मन ही मन ओ३म या गायत्री मंत्र का जाप जरूर से भी जरूर करना चाहिए और दिन भर में भी कोशिश करनी चाहिए कि ईश्वर का स्मरण बना रहे ताकि मन इधर-उधर भटकने ना पाए।
15, संसार की तरफ ज्यादा आकर्षित कभी भी नहीं होना चाहिए सिर्फ अपना कर्तव्य समझकर अपने कार्य करने चाहिए आकर्षण में उलझ कर व्यर्थ में अपना समय और शरीर नष्ट नहीं करना चाहिए।
16, महीने में कम से कम 1 दिन उपवास जरूर करना चाहिए।
17, ब्रह्मचारी को सफेद आयोडीन युक्त नमक के स्थान पर सदैव ही सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि जो यह आयोडीन वाला नमक होता है यह उष्ण प्रकृति का होता है और इसमें गुण भी केवल दो या तीन होते हैं लेकिन सेंधा नमक में 100 से ज्यादा गुण होते हैं और यह उष्ण प्रकृति का नहीं होता जिसके कारण हमारा रक्त दूषित नहीं होता।
18, अखंड ब्रह्मचर्य के लिए यदि देसी गाय का दूध मिल जाए तो उसका अधिक सेवन करना चाहिए।
19, ब्रह्मचर्य रक्षा के उपाय के लिए कच्ची सब्जियां फल ज्यादा मात्रा में खानी चाहिए।
20, यज्ञोपवीत यानी जनेऊ, शिखा यानी चोटी इन दोनों को जरूर से भी जरूर धारण करना चाहिए जनेऊ धारण करने के लिए अपने किसी भी नजदीकी आर्य समाज से संपर्क कर सकते हैं आपसे कोई पैसा नहीं लिया जाएगा और आपको फ्री में जिन्हें उदाहरण करवाया जाएगा वेदों की रीति से ताकि आपके मन में शुद्धता बनी रहे और आप एक दृढ़ संकल्प लें कि मैं कठोरता से ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करूंगा या करूंगी।
21, रात को कभी भी भारी भोजन नहीं करना चाहिए रात को भोजन ना करें केवल सोने से आधा घंटा पहले दूध पी लें तो ज्यादा अच्छा रहता है। रात को पिया गया दूध शरीर में बल वीर्य बढ़ाता है।
22, जिनको स्वप्नदोष आदि की समस्या है वह गुड, मिर्च, मसाले, प्याज, लहसुन, आदि का सेवन ना करें। गुड इसीलिए क्योंकि गुड से उतेजना बढ़ती है।
23, दिन में खूब पानी पीते रहना चाहिए।
24, उधार्वरेता प्राणायाम का अभ्यास जरूर करना चाहिए

25, बांसी चीजें कभी भी नहीं खानी चाहिए। हमेशा ताजी ओर शुद्ध सात्विक चीजे ही खाएं।
26, फ्रिज की ठंडी चीजें बिल्कुल भी ना खाएं यदि फ्रिज की कोई चीज खानी हो तो उसे पहले बाहर निकाल कर रख दें और डेढ़ घंटे बाद जब उसका तापमान सही हो जाए तब उसे खाएं।
27, सफेद नमक और सफेद चीनी दोनों ही ब्रह्मचर्य के लिए जहर के समान हैं तो इनका सेवन कभी भी ना करें बल्कि सामान्य मनुष्य को भी इनका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से आपका शरीर रोग का घर बन जाता है।
28, जो, चना, रागी, इन के आटे की रोटी खानी चाहिए। आटा जब भी पिसे या पिस्वाए तो उसे थोड़ा सा मोटा ही रखे बिल्कुल मेदा बारीक ना बनाए।
29, सभी को सत्यार्थ प्रकाश पुस्तक जरूर से भी जरूर पढ़नी चाहिए जिसे पढ़कर राम प्रसाद बिस्मिल जी को ब्रह्मचारी रहने की और देशभक्त बनने की प्रेरणा मिली थी।
30, लंगोट को जरूर से भी जरूर पहनना चाहिए यह ब्रह्मचर्य की रक्षा करता ही है साथ में अंडकोष में होने वाली सभी प्रकार के दोषों को शरीर में आने नहीं देता है अंडकोष से संबंधित कोई भी रोग आपको होता नहीं है रात को सोते समय लंगोट बांधने की आवश्यकता नहीं होती है।
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Amit भैया जी confusion h उपवास वाले दिन एक्सरसाइज करनी चाइये या नही प्लीज़ बताओ
भाई उस दिन प्राणायाम और इश्वर का ध्यान ज्यादा करो व्यायाम नही
जनेऊ kha mile game
भाई आप अपने नजदीकी आर्य समाज में जाओ वाहं आपको जनेऊ पह्नादेंगे
Kya Kam some se thakawat hogi?
Guru g swandhosh ho rha hai bhut, kya kru