अंग्रेजो के द्वारा भारतीयों को ईसाई बनाने की आकांक्षा

1847 से बहुत पहले से ही अनेक कूटनीतिज्ञ अंग्रेजों ने भारत को ईसाई बनाने में ही अपने राज्य की  स्थिरता समझी थी। ईस्ट इंडिया कंपनी के अध्यक्ष मिस्टर मेडल्स ने 1847 में पार्लियामेंट में कहा था। 

‘’ परमात्मा ने हिंदुस्तान का विशाल साम्राज्य इंग्लैंड को सौंपा है इसलिए ताकि हिंदुस्तान के एक सिरे से दूसरे सिरे तक ईसा मसीह का विजय झंडा फहराने लगे हम में से प्रत्येक को अपनी पूरी शक्ति इस कार्य में लगा देनी चाहिए जिससे समस्त हिंदुस्तान को ईसाई बनाने के महान कार्य में देशभर के अंदर कहीं पर भी इसी कारण थोड़ी सी भी ढील ना होने पाए।’’bharat ka itihas in hindi 

इसी के समकालीन एक दूसरा अंग्रेज रेवरेंड कैनेडी लिखता है

‘’ हम पर कुछ भी आपत्तियां क्यों ना आए जब तक भारत में हमारा साम्राज्य है तब तक हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारा मुख्य कार्य उस देश में ईसाई मत को फैलाना है जब तक कन्याकुमारी से लेकर हिमालय तक सारा हिंदुस्तान ईशा के मत को ग्रहण ना कर लें और हिंदू तथा मुसलमान धर्मों की निंदा ना करने लगे तब तक हमें निरंतर प्रयत्न करते रहना चाहिए। इस कार्य के लिए हम जितने पर्यतन कर सके हमें करनी चाहिए और हमारे हाथ में जितने अधिकार और जितनी सत्ता है उसका इसी के लिए उपयोग करना चाहिए।  ‘’

यही विचार लार्ड मैकाले के लेखों में भी पाए जाते हैं। जिसने भारतीय शिक्षा प्रणाली यानी कि गुरुकुल प्रणाली का सबसे अधिक नाश किया वह देखिए क्या लिखता है। Isai Dharm

‘’ हमें भारत में इस प्रकार की एक श्रेणी पैदा कर देने का भरसक प्रयत्न करना चाहिए जो कि हमारे और उन करोड़ों भारतीयों के बीच जिन पर हम शासन करते हैं समझाने बुझाने का काम करें यह लोग ऐसे होने चाहिए जो कि रक्त और रंग की दृष्टि से हिंदुस्तानी हो किंतु जो अपनी रुचि भाषा भाव और विचारों की दृष्टि से अंग्रेज हो।  ‘’

अंग्रेजों ने अपने राज्य में ईसाइयत का कितना प्रचार किया और वह क्या करना चाहते थे यह ऊपर लिखित उदाहरणों से सर्वथा स्पष्ट हो जाता है। उनका अपना राज्य था भारतीयों की कोई सुनने वाला ना था अतः अंग्रेज अफसरों ने भारतीयों के साथ इच्छा अनुसार अन्याय और अत्याचार पूर्ण व्यवहार किया भारतीयों के धार्मिक भावों पर पद पद पर आघात किया ईसाई पादरियों ने अपनी वक्ताओं और पत्र-पत्रिकाओं में हिंदू तथा मुसलमान धर्म की घोर निंदा की। Isai Dharm

Isai Dharm Isai Dharm

सन 1849 में पंजाब पर कंपनी का अधिकार हो गया था इसके उपरांत कंपनी ने पंजाब को आदर्श ईसाई प्रांत बनाने के पर्यटन की एक सर हेनरी लॉरेंस, सर जॉन लारेंस आदि पंजाब के अंग्रेज शासक इसी विचार के थे इनमें से अनेकों का मत था कि पंजाब में शिक्षा का सब कार्य ईसाई पादरियों के हाथ में दे दिया जाए और सरकार की ओर से स्कूलों को पूरी सहायता दी जाए तथा अंग्रेज सरकार अपने स्कूल बंद करते स्कूल और कालेजों में इंजील और इसाई मत की शिक्षा दी जाया करें। अंग्रेज सरकार हिंदू धर्म और इस्लाम को किसी प्रकार की सहायता ना दे किसी भी प्रकार सरकारी विभाग में हिंदू मुसलमान कर्मचारी को त्योहार की छुट्टी ना दी जाए न्यायालयों में हिंदू मुसलमान धर्म शास्त्रों को और धार्मिक रीति-रिवाजों को कोई स्थान ना दिया जाए हिंदू मुसलमानों के धार्मिक कीर्तन बंद कर दिय जाए। Isai Dharm

अंग्रेजो के द्वारा भारतीयों को ईसाई बनाने की आकांक्षा

धीरे-धीरे इन अत्याचारी शासकों ने सैनिकों के धार्मिक भावुक की भी अवहेलना प्रारंभ कर दी बात बात में उनके धार्मिक नियमों का उल्लंघन किया जाने लगा कारतूस ओं में गाय और सुअर की चर्बी लगाना और फिर उनको मुंह से चुड़वाना इसका क्रियात्मक उदाहरण है कंपनी की सेना के अनेक अंग्रेज अधिकारी स्पष्ट रूप से सैनिकों के धर्म परिवर्तन के कार्य में लग गए। बंगाल की पदार्थ की सेना के एक अंग्रेज कमांडर ने अपनी सरकारी रिपोर्ट में लिखा है कि मैं निरंतर 28 वर्ष भारतीय सैनिकों को ईसाई बनाने की नीति पर आचरण करता रहा हूं और गैर ईसाइयों की आत्मा को शैतान से बचाना मेरे फौजी कर्तव्य का एक अंग रहा है।

सैनिकों को पद भर्ती में काफी लोभ दिया गया कि जो भी अपना धर्म छोड़ देगा उसको हवलदार बना दिया जाएगा और हवलदार को सूबेदार तथा सूबेदार को मेजर इत्यादि इसका परिणाम यह हुआ कि भारतीय सिपाहियों में बहुत असंतोष फैल गया भारत वासियों को ईसाई बनाने का पर्यतन सैनिकों को बलात धर्म परिवर्तन इत्यादि कामो से भारतीय जनता के मन असंतोष और प्रतिकार की भावनाओं से भर गए। अत्याचार के प्रतिशोध की भावना से ही 57 की महान क्रांति का जन्म हुआ

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4 thoughts on “अंग्रेजो के द्वारा भारतीयों को ईसाई बनाने की आकांक्षा”

  1. क्या यही चाल मुस्लिमों ने की क्योकि परिस्थितिया एक समान है जहाँ एक ओर अंग्रेजों का विचार है वही स्थिति मुस्लिमों की भी थी? हमे अंग्रेजों के लिखे दस्तावेज मिल गए लेकिन जो नही लिखते थे वे मुस्लिम लोग थे। मुस्लिमो ने 1000 वर्षो पहले आक्रमण किया और भारत को गुलाम बनाया उसके साथ ये अपनी स्थिर्ता के लिए मुस्लिम बनाना सुरु किया कितने लोगों को मार काट के डरा धमकाकर मुस्लिम बनाया ये सऊदी अरब के लोग थे जिन्होंने हम पर राज किया और हम 1200 वर्षो तक गुलाम रहे 200 वर्ष तक अंग्रेजों के

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